जनजाति समुदाय के विकास के लिए भारतीय संविधान में विशेष प्रावधान है। भारतीय संविधान की अनुसूची 5 में अनुसूचित जनजातियों एवं अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण हेतु राज्य की कार्यपालिका की शक्तियों का विस्तार किया गया है। इन्ही शक्तियों के आधार पर राजस्थान में जनजाति समुदाय के समग्र विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1975 में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की स्थापना की गयी। जिससे एक समन्वित और सुनियोजित तरीके से अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिये कार्यक्रमों की समग्र नीति और योजनाओं का समन्वय किया जा सकें।
विभाग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों के समेकित सामाजिक आर्थिक विकास पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना एवं अनुसूचित क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हेतु विभिन्न योजनाओं का निर्माण, समन्वय, नियंत्रण एवं निर्देशन कर जनजातियों का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक विकास करना तथा जनजाति वर्ग के जीवन स्तर का उन्नयन करना है।