विशेष केन्द्रीय सहायता द्वारा जनजाति विकास
विशेष केन्द्रीय सहायता द्वारा जनजाति विकास कार्यक्रम योजना की अवधारणा में जनजाति बाहुल्य ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में परिवर्तित किया जाना है, जिससे जनजाति व्यक्तियों को आधारभूत सेवाऐं एवं आधारभूत सुविधाऐं सुलभ हो सके और वे स्वाभिमानपूर्वक जीवन व्यापन कर सके। |
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भारत सरकार द्वारा SCA to TSS के नाम से अभी तक चलाई जा रही योजना के दिशा-निर्देर्शों में परिवर्तन कर अब इसे SCA to TD के नाम से चलाया जाएगा। वर्ष 2021-22 में जिन जिलों में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा, उन जिलों के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। जिला स्तरीय समिति का मुख्य कार्य योजनान्तर्गत गांवों का चिन्हीकरण करना, Village Development Plan (VDP) को तैयार एवं अनुमोदित कराना तथा योजना के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्याें की समीक्षा करना होगा।
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इस योजना के संचालन हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन प्रमुख शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की अध्यक्षता में किया जा रहा है। राज्य स्तरीय समिति का कार्य VDP की समीक्षा, भारत सरकार को स्वीकृति के लिए अनुशंषा तथा समीक्षा होगा। |
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योजना के प्रथम चरण में 5 वर्षो के दौरान राज्य में 4302 ऐसे ग्रामों का विकास किया जाना है, जिनमें 50 प्रतिशत जनजाति व्यक्ति निवास करते हो एवं उनकी न्यूनतम जनजातीय जनसंख्या 500 हो। |
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योजना में सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं Aspirational District को प्राथमिकता दी जानी है। इसके साथ-साथ ऐसे ग्राम जिनका विकास CSR Funds एवं DMF के माध्यम से किया जाना है, उन्हे भी प्राथमिकता दी जानी है। |
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प्रथम वर्ष में कुल 860 ग्रामों का चयन किया जाना है, जिसका जनजाति उपयोजना क्षेत्र के जिलेवार विवरण निम्नानुसार है:- |
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क्र. सं. |
जिला |
न्यूनतम 50% अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले गाँवों की संख्या |
अनुसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले गाँवों की संख्या |
वर्ष 2021-22 में चयन के लिये प्रस्तावित गाँवों की संख्या |
1 |
बांसवाडा |
939 |
939 |
294 |
2 |
डूंगरपुर |
578 |
578 |
181 |
3 |
प्रतापगढ |
354 |
354 |
111 |
4 |
उदयपुर |
905 |
874 |
274 |
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कुल |
2776 |
2745 |
860 |
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